देव उठनी एकादशी से आरम्भ हुई शादी समारोहों के पहले ही दिन बीती देर रात तक डीजे, आतिशबाजी चला कर अदालत के आदेशों की खुलेआम अवेहलना की गई। उल्लेखनीय है कि अदालत द्वारा बडते हुए प्रदूषण को देखते हुए एनसीआर में आतिशबाजी पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। लेकिन बीती रात से आरम्भ हुए शादी समारोहों में खुलेआम आतिशबाजी को चला कर अदालत के आदेशों की अवेहलना की गई। इस आतिशबाजी के कारण होने बाले शोर के कारण नागरिकों को ध्वनी प्रदूषण के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है, वहीं इससे होने वाले धुऐं के कारण उनके स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा शादी समारोहों में रात को दस बजे के बाद बजने बाले बैंड बाजों व डीजे के कारण अदालत के आदेशों की अवेहलना के साथ ही नागरिकों को भी इस भारी शोर शराबे के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। वेंकेट हॅाल संचालकों के द्वारा भी केवल अपने वेंकेट हॉलों में दस बजे के बाद डीजे ना बजने का चेतावनी वोर्ड टांग करके अपने कार्य की इतीश्री कर ली है। जबकि दस बजे के बाद देर रात तक तेज आवाज में डीजे तथा बैंड़ बाजे बजते रहते हैं। इन वेंकेट हॉलों के आसपास रहने वाले नागरिकों के द्वारा भी अनेकों बार प्रशासनिक अधिकारियों को देर रात तक ड़ीजे बजने की शिकायत देने के बाद भी इन पर रोक लगने की दिशा में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। जिस कारण नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एसडीएम होडल रणवीर सिंह लोहान का कहना है कि वह वेंकेट हॉल संचालकों की मिटिंग बुला कर रात को दस बजे के बाद डीजे बजने पर पूरी तरह से पाबन्दी लगाने की कार्रवाई की कड़ाई से पालन करने के आदेश प्रदान करेगें।
