हरियाणा सरकार द्वारा नागरिकों को सरकारी अस्पताल में सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए अनेकों योजनाएं लागू की जा रही हैं, वहीं होडल का सरकारी नागरिक अस्पताल डॅाक्टरों व सरकारी मशीनरी उपलब्ध ना होने के कारण खुद बिमार नजर आ रहा है। होडल के सरकारी अस्पताल के अंतर्गत लगभग 20 गावों के नागरिक अपना ईलाज कराने के लिए आते हैं। होडल के सरकारी अस्पताल में प्रतिमाह लगभग 4500 मरीज अपना ईलाज कराने के लिए आते हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल में ईलाज कराने आने वाले अधिकतर गरीब वर्ग के मरीजों को उस समय निराशा हाथ लगती है, जब यहां पर ईलाज के नाम पर डॉक्टर व मशीनरी उपलब्ध नहीं होने के कारण उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। होडल के सरकारी अस्पताल में एक निजी एनजीओ के द्वारा अल्ट्रासाउन्ड़ मशीन को लगाया गया है। जिसमें सरकार के द्वारा जांच के लिए किसी रेडियॉलोजिस्ट की नियुक्ति नहीं करने पर प्राईवेट रेडियॉलोजिस्ट के द्वारा भी केवल गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रासाउन्ड़ किया जाता है। जिस कारण से यहां पर अपना ईलाज करने आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। होडल के सरकारी अस्पताल में पंजाब नेशनल बैंक द्वारा लगाई गई रक्त जांच के लिए लगाई गई मशीन का बल्ब खराब हेाने के कारण अस्पताल में केएफ टी,एलएफ टी व अन्य जांचों के नहीं होने के कारण मरीजो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में प्रसव के दौरान बेहेाश करने बाले अनेशथिसिया डॉक्टर के नहीं होने पर बाहर से प्राईवेट डॅाक्टर को बुलाया जाता है। सरकारी अस्पताल में सर्जन चाईल्ड़ स्पेशलिस्ट, आंख, नाक, कान, गले, चमड़ी,हॉर्ट आयूस विभाग का कोई डॉक्टर नहीं होने के कारण होडल के नागरिक अस्पताल में ईलाज कराने आने वाले मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है तथा प्राईवेट ड़ाक्टरों के हाथों लूटने को मजबूर होना पड़ रहा है। नागरिकों ने होडल के नागरिक अस्पताल में इन कमियों को दूर करने की मांग की है। सिविल सर्जन डॉक्टर जय भगवान जाटन का कहना है कि उनके द्वारा होडल के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी व मरीजों के ईलाज के लिए मशीनों के बारे में हरियाणा सरकार को लिखित में भेज कर मांग की है। सरकार के द्वारा मुहैया कराने पर वह होडल के नागरिक अस्पताल की इन कमियों को पूरा कराने का प्रयास करेगें।