
प्राचीन व ऐतहासिक होडल के समीप स्थित वांसवा -शेषसाई मंदिर में कामदा एकादशी पर्व पर मंगलवार को हजारों की संख्या में नर नारियों ने दर्शन कर भगवान का आशिर्वाद लिया। शेषसाई मंदिर जो कि इतिहासिक, पौरााणिक, प्राचीन मंदिर है तथा यहां पर विराजमान भगवान विष्णु की शैष शैया पर लक्ष्मी जी द्वारा चरण दबाते हुए की साक्षात प्रतिमा स्थित है। शेषसाई मंदिर का वर्णन ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में भी आता है तथा ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा करने बाले श्रृदालुओं के यहां पर आने पर भारी भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर के साथ पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है। आज के दिन भगवान लक्ष्मीनारायण के दर्शन करने का भी विशेष महत्तव है। ऐसा माना जाता है कि शेषसाई मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के दर्शन करने से भारी पुण्य का लाभ मिलता है तथा नागरिक को सीधे स्वर्ग की प्राप्ति हेाती है। कामदा एकादशी जेा कि चेत्र नवरात्रि और रामनवमी के बाद यह पहली एकादशी मानी जाती है। इस एकादशी का विशेष महत्तव होता है तथा इस एकादशी पर व्रत रखने वाले नर, नारियों को विशेष पुण्य का लाभ मिलता है। मंदिर में दिल्ली, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा के हजारों नर नारियों द्वारा सुबह यहंा पर स्थित क्षीर सागर तालाब में नहा कर सुबह चार बजे से मंगला आरती के दर्शन कर दिन भर दर्शन किए गए।