केन्द्र सरकार द्वारा वीआईपी कल्चरल को समाप्त करने के लिए राजनेताओं की गाडिय़ों पर से लालबत्ती व हूटरों को हटाने का आदेश प्रदान करने के बाद सभी वीआईपी राजनेताओं की गाडिय़ों से लालबत्ती व हूटर को हटा दिया गया है। लेकिन होडल उपमड़ल में कई नेताओं व छुटभैये राजनेताओं के द्वारा आज भी अपनी गाडिय़ों पर लालबत्ती की जगह पर अपने शीशे के अंदर लाल बत्ती को लगा कर व अपनी गाड़ी में पुलिस सायरन तथा हूटर को लगा कर वीआईपी कल्चरल को अभी भी अपना रहे हैं। इनके द्वारा रौब गांठने के लिए अपनी गाडियों को चौराहों पर ले जा कर इन हूटरों को बजाया जाता है। जिस कारण से अन्य वाहन चालक अचानक चौंक जाते हैं तथा हड़बड़ी में कई बार सडक़ दुर्घटनाऐं भी इन सायरनों व हूटरों के कारण होती हैं। नियमानुसार अगर कोई हूटर का प्रयोग करता है तो उसकी बाकायदा मंजूरी प्रशासन से लेनी आवश्यक होती है। कई बार किसी वीआईपी के आने पर उनके काफि ले में भी यह अपने वाहनों में हूटर को बजाते हुए शान से निकलते हैं व वीआईपी के साथ इनके रहने के कारण पुलिस के आला अधिकारियों की मौजूदगी में इनको रोकने का साहस भी अधिकारी नहीं दिख पाते हैं। ऐसे नेता अपनी गाडिय़ों में खुलेआम इस प्रकार के हूटरों को बजाते हुए शान से चलते हैं। किसी पुलिसकर्मी के द्वारा इन वीआईपी कल्चरल के मारे नेताओं को रोकने पर इनके द्वारा किसी अपने आला नेता से फ ोन कराने पर पुलिसकर्मी को इनको मजबूरन छोडऩा पड़ता है। इन नेताओं के कारण केन्द्र सरकार के द्वारा वीआईपी कल्चरल को समाप्त करने के प्रयासों को भी करारा झटका लग रहा है। एसपी पलवल चन्द्र मोहन ने इस प्रकार के हूटरों व लालबत्ती का प्रयोग करने वाले नागरिकों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि इस प्रकार के वाहनों के फ ोटो खिंच कर ऑन लाईन इनके चालान करने व ना मानने पर इनके खिलाफ नियमानुसार मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी उन्होंने पलवल जिला के सभी पुलिस अधिकारियों को दे दिए हैं। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग के साथ भी एक येाजना बना कर ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।