लम्बी यात्रा के लिए ड्राईबिंग करने वाले ड्राईबरों को अब नींद और थकान के कारण हेाने वाली दुर्घटनाओं से निजात मिल सकेगी। होडल उपमंड़ल के अंतर्गत पडऩे वाले औरंगाबाद के समीप स्थित एमवीएन विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के बी.टेक अंतिम वर्ष के प्रतिभाशाली छात्रों अनुराग और योगेश ने एक अत्याधुनिक आधारित ड्राइवर ड्राउज़ीनेस डिटेक्शन सिस्टम विकसित किया है, जो ड्राइविंग के दौरान ड्राइवर की नींद और थकान को पहचानने में सक्षम है।यह इनोवेटिव सिस्टम ड्राइवर के चेहरे और आँखों की गतिविधियों की रीयल-टाइम वीडियो एनालिसिस करता है और जैसे ही नींद के लक्षण दिखाई देते हैं, यह तुरंत अलार्म बजाकर ड्राइवर को सतर्क कर देता है, जिससे सडक़ हादसों की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसमें मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग किया गया है, जो इस सिस्टम को समय के साथ और अधिक सटीक बनाता है। इस प्रोजेक्ट का कुशल मार्गदर्शन विश्वविद्यालय के डीन प्रो. (डॉ.) एन. पी. सिंह एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अमित सागू द्वारा किया गया।कुलपति प्रो. डॉ. अरुण गर्ग ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा की यह नवाचार छात्रों की तकनीकी दक्षता और सामाजिक उत्तरदायित्व का अद्भुत उदाहरण है। यह तकनीक न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर सडक़ सुरक्षा को नई दिशा दे सकती है। कुलसचिव प्रो. डॉ. योगेन्द्र सिंह ने भी इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा की अनुराग और योगेश की यह पहल अन्य छात्रों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी और विश्वविद्यालय को नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी।एमवीएन विश्वविद्यालय अपने छात्रों को तकनीकी नवाचार के लिए निरंतर प्रेरित करता रहा है, और यह प्रोजेक्ट उसकी प्रतिबद्धता का सशक्त प्रमाण है।