उपमंडल होडल में हलवाईयों के द्वारा नागरिकों को मिठाई के साथ ही डिब्बे का वजन भी मिठाई के साथ तोल कर ठगने का कार्य किया जा रहा है। होडल शहर व उसके आसपास स्थित औरंगाबाद, भिडूकी, बंचारी, हसनपुर, सौंध आदी गावों में हलवाईयों के द्वारा मिठाई के साथ ही ग्राहकों को डिब्बों को तोला जा रहा है। इन डिब्बे का बजन सौ ग्राम से ले कर डेढ़ सौ ग्राम तक होता है। हलवाईयों के द्वारा मिठाईयों की कीमत चार सौ रूपए से ले कर आठ सौ रूपए प्रति किलो रखी हुई है। इस सावन के महिने में घेवर का सीजन होने के कारण हलवाईयों के द्वारा घेवर को भी डिब्बों में तोल कर दिया जा रहा है। घेवर की कीमत 500 रूपए से ले कर सात सौ रूपए प्रति किलो है। इस घेवर के डिब्बे का वजन डेढ सौ ग्राम होने पर हलवाई को एक किलो पर 105 रूपए डिब्बे कीमत मिठाई से अलग बचत होती है। हरियाणा सरकार द्वारा मिठाई के साथ डिब्बों को तोलने पर पूरी तरह से रोक लगाई हुई । हलवाइयों द्वारा मिठाई के साथ ही डिब्बे का वजन ना तोलने के साईन बोर्ड लगाए हुए हैं। लेकिन उसके बाद भी हलवाईयों द्वारा इन आदेशों की पालना करने की दिशा में कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है व ग्राहकों को मिठाई के रेट में ही डिब्बों को तोल कर उनसे जम कर चांदी कूटी जा रही है। होडल के मशहूर लक्खी स्वीटस के संचालक विजन्द्र गोयल का कहना है कि उनकी दुकान पर डिब्बे के वजन के अनुसार ही अलग से मिठाई तोल कर ग्राहक को दी जाती है। जिस कारण से ग्राहक की जेब पर डिब्बे के तोले जाने का कोई असर नहीं पड़ता है। नाप तोल विभाग के अधिकारियों की इन हलवाईयों के साथ मिलिभगत होने के कारण उनके द्वारा मिठाई के साथ तोले जाने बाले डिब्बों की जांच ना करके इनको दोनंो हाथों से ग्राहकों को लूटने की छूट प्रदान की हुई है। नागरिकों ने मिठाई के साथ डिब्बों को तोले जाने पर रेाक लगाने की मांग की है। जिला खाद्य एवम् आपूर्ति अधिकारी सीमा शर्मा का कहना है कि हलवाईयों द्वारा मिठाई केसाथ डिब्बे के वजन को तोलने के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया है व जांच के दौरान पकड़े जाने पर नियमानुसार उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
